आहार के कुछ सामान्य नियम तथा किस प्रकार के आहार का सेवन शरीर के लिए गुणकारी होता है आइए जानते हैं...

💝💞💫
0

 आहार के सामान्य नियम 

बच्चों यदि आप शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य पाना चाहते हो तो आप को आहार के निम्न नियमों का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए -

  • भोजन करने से पहले हाथ पैर और मुंह अच्छी तरह धोना चाहिए भोजन प्रसन्न निश्चित और शांत होकर धीरे-धीरे अच्छी तरह चबाना चाहिए ।
  • भोजन करते समय टेलीविजन नहीं देखना चाहिए क्योंकि इससे आने वाली तरंगें हमारे भोजन को दूषित करती हैं साथ ही हम मन लगाकर भोजन नहीं कर पाते जिससे अनेक रोग उत्पन्न होते हैं ।
  • भोजन करते समय फोन पर या आपस में भी बातें नहीं करनी चाहिए शांत रहकर स्वाद लेते हुए चबा चबाकर आनंद के साथ भोजन करना चाहिए ।
  • संक्षेप में कहा जा सकता है जैसा हमारा आहार होता है वैसा ही हमारा मन होता है अतः हमारा आहार शुद्ध संतुलित एवं सात्विक होना चाहिए तभी तो कहा जाता है जैसा खाओ अन वैसा हुए मन ।
  • स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए आहार का विशेष महत्व है आहार हमारे तन और मन का निर्माण करता है अतः अच्छा भोजन लेना आवश्यक है ।


कुछ लोग अच्छे भोजन का अर्थ तले भुने और चटपटे भोजन से करते हैं जबकि अच्छे भोजन से तात्पर्य पौष्टिक एवं सात्विक भोजन है योग की दृष्टि से खाद्य पदार्थों के गुड़ के आधार पर समस्त आहार को 3 वर्गों बांट सकते हैं - सात्विक आहार, राजसिक आहार एवं तामसिक आहार ।

सात्विक आहार : 



सात्विक आहार के अंतर्गत फल सब्जियां ,मेंवे अनाज ,दालें ,दूध एवं दूध से बने पदार्थ दही छाछ आदि आते हैं ।  सात्विक आहार से हमें ऊर्जा के साथ साथ उत्साह स्फूर्ति और हल्का पन महसूस होता है सात्विक आहार हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता और बुद्धि को बढ़ाता है ।

राजसिक आहार -  


राजसिक आहार के अंतर्गत तले भुने चटपटे पदार्थ भारियन आदि आते हैं राजसिक आहार हमें ऊर्जा तो देते हैं साथ ही अनेक बीमारियां जैसे ही ह्रदय रोग मोटापा आदि भी देता है । इस भोजन का प्रभाव हमारे मन पर भी पड़ता है शरीर में भारीपन और आक्रामकता चिड़चिड़ापन जल्दी गुस्सा आना इत्यादि का संचार होता है । जिससे हमारी क्रियाशीलता पर बुरा प्रभाव पड़ता है ।

तामसिक आहार - 


इसके अंतर्गत बासी दुर्गंध युक्त भोजन मास अन्य को चढ़ा कर तैयार की गई खाद्य सामग्री कार्बोनेट एवं अल्कोहल पेय पदार्थ सॉफ्ट ड्रिंक जैसे बियर शराब आदि आते हैं ‌। तामसिक भोजन हमारे अंदर आलस्य निराशा अरुचि तथा हिंसक भाव को जन्म देता है । तामसिक भोजन हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता एवं मानसिक विकास पर अत्यधिक बुरा असर डालता है । 

अतः आहार के गुणों के अनुरूप ही भोजन लेना चाहिए ।

  • भोजन करने की दिनचर्या निश्चित होनी चाहिए सुबह नाश्ता तथा दोपहर एवं रात्रि में निश्चित समय पर भोजन करना चाहिए ।
  • अनिश्चित समय पर भोजन लेना थोड़ी थोड़ी देर में बार-बार खाना जल्दी-जल्दी बिना चबाए खाना बासी तथा अति शीतल और अति गर्म खाना खाने से बचना चाहिए ।


Post a Comment

0Comments

Post a Comment (0)

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !