Ganga Dussehra : गंगा दशहरा कब है? क्यों मनाया जाता है गंगा दशहरा का पर्व, जानें धार्मिक महत्व | दशहरा क्या है-, विजयदशमी ...

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Ganga Dussehra : गंगा दशहरा कब है? क्यों मनाया जाता है गंगा दशहरा का पर्व, जानें धार्मिक महत्व  दशहरा क्या है-, विजयदशमी ..


 दशहरा क्या है-

दशहरे को विजयदशमी का भी कहा जाता है इसी जश्न का भी त्यौहार कहते हैं यह त्यौहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है यह बुराई किसी भी रूप में हो सकती जैसे क्रोध ,असत्य, बैर ईर्ष्या दुख आलस्य आदि किसी भी आंतरिक बुराई को खत्म करना भी एक आपने भेजा है और हमें प्रति वर्ष अपने आप में से किसी इस तरह की किसी बुराई को खत्म कर विजयदशमीके दिन इसका जश्न मनाना चाहिए एक दिन अपनी सभी इंद्रियों पर राज कर सके दोस्तों यह बुरे आचरण पर अच्छे आचरण का विजय के प्रतीक में मनाया जाने वाला त्यौहार है किसानों के लिए यह नई फसलों को घर आने के लिए जश्न का त्यौहार होता है प्राचीन समय में इस दिन औजारों तथा हथियारों की पूजा की जाती थी क्योंकि उस समय लोग इसे युद्ध में मिली जीत के तौर पर देखते थे लेकिन इन सब के पीछे एक ही कारण होता है बुराई पर अच्छाई की जीत किसानों के लिए यह मेहनत के रूप में जीत की आने का जश्न है दोस्तों दशहरा अश्वनी मास के शुक्ल पक्ष में दशमी के दिन मनाया जाता है नवरात्रि के 9 दिनों के बाद विजय पर्व के रूप में दशहरा या विजयदशमी मनाया जाता है !

दशहरा क्यों मनाते हैं- 

दोस्तों ! दशहरे त्यौहार से संबंधित बहुत सारी कहानियां हैं जिसमें से सबसे प्रचलित कहानी है भगवान राम का रावण से युद्ध को जीतना अर्थात रावण के बुराई का विनाश करना और उसे हम उनको तोड़ना राम अयोध्या नगरी के राजकुमार थे और उनकी पत्नी का नाम सीता था तथा उनके छोटे भाई लक्ष्मण थे राजा दशरथ राम के पिता थे उनकी पत्नी कैकई के कारण राम, लक्ष्मण तथा सीता को 14 वर्ष के वनवास के लिए अयोध्या नगरी छोड़कर जंगल में जाना पड़ा उसी वनवास काल के दौरान रावण ने माता सीता का अपहरण कर लिया रावण चारों वेदों का ज्ञाता महाज्ञानी तथा महा बलशाली राजा था !

 जिस की सोने की लंका थी लेकिन उसमें अपार अहंकार था वह महान शिव भक्त था और खुद को भगवान विष्णु का दुश्मन बताता था वास्तव में रावण के पिता विश्वा एक ब्राह्मण थे एवं माता राक्षस कुल की थी इसलिए रावण में एक ब्राह्मण के सामान्य ज्ञान था तथा एक राक्षस के समान शक्ति तथा अहंकार था इसे खत्म करने के लिए भगवान विष्णु ने भगवान श्रीराम का अवतार लिया था माता सीता को लंका से वापस लाने के लिए भगवान राम ने रावण से युद्ध किया वानर सेना तथा भगवान हनुमान जी ने श्री राम का साथ दिया इस युद्ध में रावण का छोटा भाई विभीषण ने भी भगवान राम का साथ दिया और अंत में भगवान राम ने रावण को मार कर उसके घमंड का नाश किया इसी विषय के रूप में प्रतिवर्ष विजयदशमी मनाई जाती है जिसे दशहरा भी कहा जाता है दोस्तों इसके और भी भी कहानियां प्रचलित हैं जैसे - राक्षस महिषासुर का संघार कर माता दुर्गा विजई हुई थी और पांडवों का वनवास, देवी शक्ति का अग्नि में समाना यह सारी कहानियां भी इस दशहरे से जुड़ी कहानियां हैं दोस्तों आज के समय में इन पौराणिक कथाओं को आधार मानकर दशहरा मनाया जाता है माता के 9 दिनों तक पूजा पाठ करने के बाद माता दुर्गा की प्रतिमा को विसर्जित कर देते हैं !

 उसके बाद बाद दसवे दिन रावण दहन कर के दशहरा मनाया जाता है जिसमें कई जगहों पर रामलीला का आयोजन भी किया जाता है जिसमें कलाकार रावण तथा राम के पात्र बनते हैं और राम - रावण के इस युद्ध को नाटक के रूप में प्रस्तुत करते हैं !

  कई जगहों पर इस दिन मेला लगता है जिसमें कई सारी दुकाने तथा खाने-पीने की चीजें, खिलौने इत्यादि मिलते हैं और लोग नाटकों तथा झूलों का आनंद भी लेते हैं बहुत सारे जगह पर रावण तथा उसके भाई कुंभकरण और रावण की बेटी मेघनाथ के पुतले बनाए जाते हैं कथा राम के रूप में कोई पात्र उन पतलो को जलाता है बुराई पर अच्छाई की खुशी मनाते हैं पूरे भारतवर्ष में इस पर पौराणिक विजय का जश्न मनाते हैं !

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