गर्भवती महिलाओं के लिए कुछ आवश्यक सावधानियां तथा खान-पान और बच्चे के स्वास्थ्य के लिए कुछ जरूरी बातें...

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गर्भवती महिलाओं के लिए कुछ आवश्यक सावधानियां तथा खान-पान और बच्चे के स्वास्थ्य के लिए कुछ जरूरी बातें...


 नमस्ते दोस्तों यहां आपको गर्भवती महिलाओं को को क्या सावधानी बरतनी चाहिए तथा उनको उनके खानपान के बारे में जानकारी मिलेगी घर आ पहली बार मां बनने जा रही है तो आपको कुछ खास बातों का ध्यान रखना चाहिए जिससे आपकी प्रेगनेंसी सुखद वह हमें आप कुछ ऐसे काम बताएंगे जिन्हें प्रेगनेंसी के दौरान नहीं करनी चाहिए जिससे प्रेगनेंसी के दौरान आपको और आपके बच्चे को किसी भी प्रकार की तकलीफ ना हो !

आपको प्रेगनेंसी के दौरान है एक्सरसाइज नहीं करना चाहिए क्योंकि ऐसा करने से आपके गर्भाशय पर दबाव पड़ता है जिससे मिसकैरेज होने की संभावना बढ़ जाती है प्रेगनेंसी के दौरान है ज्यादा एक्सरसाइज करने से आपकी सांस फूलने लगती है और उसकी वजह से आपके शरीर में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है और आपके बच्चे को भी से तकलीफ होती 

 प्रेगनेंसी के दौरान घर पर पेंट वगैरह ना कराएं क्योंकि इसमें बहुत सारे केमिकल होते हैं जो की पेंटिंग के दौरान आपके शरीर अंदर चले जाते हैं इससे आप को सांस लेने में तकलीफ होती है और साथ ही साथ आपको पेंट की महक से बेहोशी चक्कर आना ऐसी बीमारियों का भी सामना करना पड़ सकता है  !

प्रेगनेंसी के दौरान आपको फलों का जूस ज्यादा नहीं पीना चाहिए पैसे तो बोला जाता है कि प्रेगनेंसी में फल खाना बहुत अच्छा होता है और फलों का जूस भी पीना चाहिए हां फलों का जूस पीना चाहिए लेकिन बहुत ज्यादा मात्रा में नहीं पीना चाहिए क्योंकि से बहुत ज्यादा मात्रा में शुगर होती है जिससे आपको प्रेगनेंसी के द्वारा डायबिटीज होने का खतरा होता है प्रेगनेंसी के दौरान जितना हो सके घूमना फिरना कम करें खासकर अगर आप घूमने फिरने के लिए पब्लिक ट्रांसपोर्ट की मदद लेते हैं तो आपको प्रेगनेंसी के दौरान बिल्कुल ही नहीं होना चाहिए क्योंकि अगर सड़क खराब होगी तो आपको तकलीफ बहुत ज्यादा उठानी पड़ेगी और इस वजह से आपका मिसकैरेज हो सकता है और अगर आप खुद की गाड़ी से जा रहे हैं तो भी बहुत कम ही घूमना फिरना करें !

 धूम्रपान और धब्बे बंद चीजों का सेवन को परहेज करें क्योंकि इसमें बहुत सारे पेस्टिसाइड मिलाया जाते हैं जिससे कि लंबे समय तक खराब ना हो और बंद डब्बे में रह सके इसका सेवन आप को नुकसान पहुंचा सकता है !

अगर आप पीठ के बल सोते हैं तो किस का परहेज करें क्योंकि ऐसा करने पर आपके गर्व का सारा भार आपके पेट पर आ जाता है जैसे आपको प्रेगनेंसी के दौरान पीठ दर्द की शिकायत बहुत ज्यादा रहती है प्रेग्नेंसी के दौरान अपनी बाएं तरफ करवट करके ले सकते हैं !

 प्रेग्नेंसी के दौरान ज्यादा गर्म पानी से मत नहाए क्योंकि प्रेगनेंसी के दौरान आपकी बॉडी का टेंपरेचर 1 डिग्री पहले से बड़ा होता है ऐसे में अगर आप गर्म पानी से नहाएंगे तो ऐसे में आपकी बॉडी का टेंपरेचर 100 डिग्री से ज्यादा बढ़ जाएगा और आपके शरीर में ऑक्सीजन की कमी हो जाएगी और आपका ब्लड प्रेशर भी लो होने लगेगा जिससे आपके बच्चे को तकलीफ होगी और आपको भी तकलीफ होगी प्रेगनेंसी के दौरान भारी वजन न उठाए !

प्रेग्नेंसी के दौरान एकदम भारी वजन उठाने से आपको गर्भाशय नीचे की तरफ आ सकता है जिससे बच्चे की जान को खतरा होता है प्रेगनेंसी के दौरान कोई भी काम करते हैं टाइम अपने गर्भाशय को किसी दीवार के सहारे ना लगाएं इससे भी अपने दरवाजे पर दबाव पड़ता है और आपको प्रेगनेंसी में तकलीफ हो सकती है !

 प्रेगनेंसी के दौरान खानपान तथा इस परफेक्ट डाइट कैसी होनी चाहिए !

दोस्तों यहां आपको प्रेगनेंसी के दौरान सुबह से लेकर रात तक तक का पूरा डाइट प्लान बताया जाएगा अगर आपके डाइट फॉलो करते हैं इससे आपके बच्चे का शारीरिक तथा मानसिक विकास भी अच्छा होगा डाइट चार्ट पर छोटी बातों का भी ध्यान रखा गया है  !

* स्टार्ट करते हैं सुबह के नाश्ते से सबसे पहले 

सुबह सबसे पहले बच्चे के मानसिक विकास के लिए आप रात को 3 से 4 बादाम भिगो कर रख सकते हैं और उसे सुबह छिलका निकाल कर खा सकते हैं !

शरीर को पूरे दिन शीतल और ऊर्जावान बनाए रखने के लिए रात को आधा गिलास पानी में एक चम्मच सौंफ 4 से 5 काली किशमिश और एक चम्मच मिश्री पाउडर मिलाकर भिगोकर उसे सुबह खा सकते हैं यह आपके शरीर में शीतलता बनाए रखेगी और शरीर में घबराहट तथा बेचैनी जिन समस्याओं से छुटकारा दिलाएगी साथ में शिशु का अच्छा विकास करने में मदद करेगी अगर आपको सुबह में उल्टी की प्रॉब्लम है तो यह घरेलू नुक्सा आपकी समस्या से भी छुटकारा दिलाएगी !

 भीगी हुई काली किशमिश खाने से पूरे दिन पाचन प्रक्रिया सही चलती है और काली किशमिश का नियमित तौर पर सेवन करने से रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है !

 सुबह आप नारियल पानी का भी सेवन कर सकते हैं जो आपके शरीर को सिग्नल और शांत बनाने में मदद करेगी शिशु का वजन बढ़ाने के लिए आप एक केले और एक अखरोट भी खा सकते हैं शिशु के अच्छे विकास के लिए आप सुबह में सेब भी खा सकते हैं आप सेब साथ दूध भी ले सकते हैं आप दूध को सुबह नाश्ते में भी ले सकते हैं क्योंकि दूध में एक अच्छी मात्रा में कैल्शियम और प्रोटीन पाया जाता है जिससे आपकी शिशु की हड्डियां मजबूत बनेगी और शिशु का वजन बढ़ेगा अगर आपको गैस की समस्या है तो आप सुबह में एक गिलास दूध और केला एक साथ खा सकते हैं जिससे आप की गैस की समस्या से छुटकारा मिल जाएगा !

* सुबह का नाश्ता -

सुबह का नाश्ता 9:00 से 10:00 के बीच में करना चाहिए सुबह का नाश्ता बहुत जरूरी होता है आप प्रतिदिन नाश्ते का एक शेड्यूल बना लीजिए प्रतिदिन एक जैसा नाश्ता करने से आप बोर हो जाओगे इसलिए आप एक चार्ट बना ले कि आपको सप्ताह में क्या क्या खाना है तो आइए जानते हैं नाश्ते में क्या क्या चीजे खा सकते हैं अंकुरित दालें गर्भवती महिला किसी रोज अपने नाश्ते में शामिल करें तो यह उसके लिए बहुत ही फायदेमंद रहेगा क्योंकि अंकुरित दालों में क्योंकि अंकुरित दालों में भरपूर मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है जो कि शिशु की शादी तथा मानसिक विकास के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है अंकुरित दालों में आप प्याज टमाटर गाजर नींबू हरा धनिया पुदीना और शिमला मिर्च डाल के उसे और टेस्टी बना कर खा सकते हैं !

 इडली , सुबह के नाश्ते में इडली खा सकते हैं इडली ने आपको सब्जियों को ऐड करके भी इसका सेवन कर सकते हैं यह आपके लिए हेल्दी और आयल फ्री नाश्ता रहेगा !

 दलिया, हरी सब्जी डालकर आप नमकीन दलिया खा सकते हैं !

आप नाश्ते में संतरे या किसी के फल का जूस ले सकते हैं संतरे में भरपूर मात्रा में विटामिन सी तथा पोटेशियम होता है जो आपके शिशु के दिल के स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करेगा संतरे में पाए जाने वाले मैग्निशियम हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मदद करेगा अनार में आयरन और फोलिक एसिड पाया जाता है जो आपके शरीर में खून की कमी को दूर कर ता है इसीलिए गर्भवती महिलाओं को संतरा तथा अनार के जूस का नियमित सेवन करना चाहिए  !

वेजिटेबल सैंडविच, हफ्ते में एक बार आप वेजिटेबल सैंडविच को भी अपने नाश्ते में शामिल कर सकते हैं जिस में पर्याप्त मात्रा में कैलोरी पाई जाती है !

पनीर पराठा, पनीर पराठा में भरपूर मात्रा में प्रोटीन कैल्शियम और कार्बोहाइड्रेट पाया जाता है जो शिशु की शारीरिक विकास के लिए बहुत ही लाभकारी होता है !

 पोहा , हफ्ते में एक बार आप पोहा को भी अपने नाश्ते में शामिल कर सकते हैं !

* हम बात करते हैं लंच डाइट चार्ट के बारे में 

दोपहर का भोजन आपको 12:00 से 1:00 बजे के बीच में कर लेना चाहिए दोस्तों आप दोपहर के भोजन में नियमित चीजों को भी नियमित रूप से शामिल कर सकते हैं जिसमें आप एक कटोरी दाल एक कटोरी सब्जी 1 प्लेट सलाद दो-तीन रोटी एक कटोरी दही को शामिल कर सकते हैं हफ्ते में तीन बार आप अपने लंच में एक प्लेट चावल भी शामिल कर सकते हैं मूंग तथा अरहर की दाल को ज्यादा शामिल करें यह डाइट शिशु के शारीरिक विकास को बढ़ाने में मदद करता है साथ में शिशु के दिल को स्वस्थ रखने में भी मदद करता है कभी-कभी टेस्ट बदलने के लिए आप मस्त हो उड़द की दाल का जी सेवन कर सकते हैं !

दाल का नियमित सेवन करने से शरीर में ब्लड सरकुलेशन अच्छा बड़ा रहता है और खून की कमी दूर होती है आप जीरा पाउडर और सेंधा नमक डाल कर खा सकते हैं एक कटोरी दही आपको अपने डाइट में जरूर शामिल करना चाहिए शिशु की हड्डियां मजबूत करने में दही मदद करता है !

 * शाम का नाश्ता शाम के नाश्ते में आप कोई भी मौसमी फल ले सकते हैं !

केला संतरा अनार सेव ले सकते हैं अगर आपने सुबह में अंकुरित अनाज नहीं खाया है तो आप शाम के नाश्ते में भी अंकुरित अनाज को नाश्ते के रूप में खा सकते हैं एक छोटा कटोरी भुना हुआ चना भी अब गुड़ के साथ खा सकते हैं अगर आपको ज्यादा चटपटा खाने का मन है तो शाम के नाश्ते में आप उसे खा सकते हैं क्योंकि शाम का ना तो जल्दी थक जाता है अगर आपने सुबह के नाश्ते में वेजिटेबल सैंडविच नहीं खाया है तो आप शाम के नाश्ते में वेजिटेबल सैंडविच का सेवन कर सकते हैं  !

* रात का खाना 

गर्भवती महिलाओं को रात का खाना 8:00 से 9:00 के बीच में कर लेना चाहिए गर्भवती महिलाओं को रात का खाना जल्दी खाने की आदत डाल लेनी चाहिए क्योंकि रात का खाना जल्दी से नहीं पता है इसलिए आप रात के भोजन में कुछ हल्का सादा खाना खाइए रात कि भोजन में आप एक कटोरी सब्जी एक दो रोटी एक कटोरी खिचड़ी एक कटोरी दही खा सकते हैं खिचड़ी के साथ आ वेजिटेबल सूप भी ले सकते हैं रात के भोजन के बाद आपको 15 से 20 मिनट तक टहलना चाहिए जिससे आपका भोजन अच्छे से बच जाए जब आप सोने के लिए बिस्तर पर जाएं उसके पहले आप एक गिलास हल्का गुनगुना दूध पी सकते हैं अगर आपको पसंद है तो आप दूध में एक चम्मच घी डालकर भी दूध पी सकते हैं जो आपको अच्छे नहीं देने में मदद करेगा दोस्तों यह तक गर्भवती महिलाओं के लिए सुबह से लेकर शाम तक का एक परफेक्ट डाइट चार्ट 

प्रेगनेंसी के दौरान शुरुआत के 3 महीने क्या क्या नहीं खाना चाहिए !

कहते हैं कि प्रेगनेंसी के दौरान शुरुआत के 3 महीने महिलाओं के लिए बहुत ही ज्यादा खास होते हैं यह 3 महीने बहुत नाजुक होते हैं इन 3 महीनों में मिसकैरेज होने का सबसे ज्यादा होता है की वजह है कि गर्भवती महिलाओं को शुरुआत के 3 महीने में खान खानपान से संबंधित जानकारी होना बहुत ही जरूरी होता है इन 3 महीनों में छोटी सी गलती भी भारी पड़ सकती है कि हम आपको यहां बताएंगे कि शुरुआत के 3 महीने में आपको क्या नहीं खाना चाहिए !

1) एलोवेरा जूस स्किन के लिए एलोवेरा मोदी अच्छा माना जाता है यहां तक की एलोवेरा जूस पीने से आप कई बीमारियों से खुद का बचाव कर सकते हैं लेकिन आपको यह जानना भी जरूरी है की प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए एलोवेरा का जूस जहर होता है एलोवेरा जूस लेने से आपको यूट्रस से ब्रीडिंग हो सकती है इससे आपका मिसकैरेज हो सकता है के लिए बेहतर होगा कि आप प्रेगनेंसी के शुरुआती 3 महीनों में एलोवेरा जूस का सेवन ना करें  !

2) पपीता मिसकैरेज का कारण बनने में पपीते का नंबर सबसे पहले आता है क्योंकि हरा और आधा पका पपीता ऐसे एंजाइम से भरा होता है जिसे खाने से मिसकैरेज का खतरा बढ़ जाता है इसीलिए शुरुआती महीनों में पपीता बिल्कुल ही नहीं खाना चाहिए !

3) मछली , मछली प्रोटीन का सबसे अच्छा स्रोत मानी जाती है और इसमें ओमेगा 3 फैटी एसिड भी सबसे ज्यादा पाया जाता है प्रेग्नेंट महिला के लिए दोनों ही पोषक तत्व अच्छे होते हैं मछली में और भी तरह के पोषक तत्व पाए जाते हैं लेकिन इसमें अधिक मात्रा में मरकरी होता है जो बच्चे के लिए घातक साबित हो सकता है इसलिए प्रेग्नेंट महिलाओं को मछली खाने के लिए मना किया जाता है क्योंकि इसकी वजह से महिलाओं को सूजन उल्टी जैसी समस्याओं का खतरा रहता है अगर आपको बहुत ज्यादा खाने का मन हो रहा है इसलिए बहुत ही कम मात्रा में खा सकते हैं !

4) तिल का बीज प्रेग्नेंट महिलाओं को पूरे 9 महीने में तिल के बीज का सेवन बहुत कम करना चाहिए क्योंकि इसे गुड़ मिलाकर खाने से मिसकैरेज होने का खतरा रहता है प्रेगनेंसी के तीसरे महीने में काले तिल के बीच खा सकते हैं क्योंकि यह नॉर्मल डिलीवरी में भी आप ही काफी हेल्प करते हैं !

5) सहजन की सब्जी विटामिन पोटैशियम तथा ओटी भरा सहजन बहुत ही फायदेमंद होता है किंतु इसमें अल्फासीटों एस्ट्रोजन भी पाया जाता है जो कि बहुत ही ज्यादा खतरनाक होता है इस एस्ट्रोजन की वजह से आपका मिसकैरेज भी हो सकता है इसलिए शुरुआती 3 महीनों में इसकी सब्जी या किसी तरह से भी इसका सेवन ना करें !

6) दूध, दूध को कैल्शियम का भंडार माना जाता है जो प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए बहुत ही जरूरी होता है यह गर्भ में शिशु तथा 3 महीना के हड्डियों के लिए बहुत ही फायदेमंद माना जाता है किंतु इसमें एक बात का आपको खास ध्यान रखना है कभी भी मीना उबला हुआ दूध ना पिए कच्चे दूध में बहुत सारे बैक्टीरिया होते हैं जो प्रेग्नेंट महिलाओं तथा उसके बच्चे के लिए हानिकारक होता है !

 गर्भावस्था के शुरुआती 3 महीने बहुत ही नाजुक होते हैं अगर यह 3 महीने अच्छे से निकल आते हैं तो तो मिसकैरेज ऐसा खतरा बहुत ही कम हो जाता है इसलिए इन 3 महीनों में कुछ भी ऐसा ना करें जिससे बच्चों को नुकसान पहुंचे !






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