एसिडिटी (अम्लपित्त) की समस्या का आयुर्वेदिक इलाज...

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 अम्लपित्त (एसिडिटी) की समस्या का आयुर्वेदिक इलाज...

  1.  हरड़ यह अम्लपित्त की एक श्रेष्ठ औषधि है। छोटी काली हरड़ का चूर्ण दो ग्राम लेकर उसमें दो ग्राम ही गुड़ मिलाएँ और संध्याकाल के भोजन के पश्चात् खाकर ऊपर से पानी पी लें। इसके प्रयोग से एक सप्ताह के अंदर ही अम्लपित्त नष्ट हो जाएगी ।
  2. दोनों समय के भोजन के पश्चात् एक-एक लौंग चूसने से अम्लपित्त का दोष जाता रहता है। लौंग अमाशय की रस-क्रिया को बल प्रदान करती है। अम्लपित्त के रोगी को चाय नुकसान पहुँचाती है। अतः जब तक यह दोष दूर न हो जाए, चाय का प्रयोग नहीं करना चाहिए। 
  3.  अम्लपित्त में नींबू बड़ा प्रभावशाली सिद्ध होता है। नींबू का रस गरम पानी में डालकर सायंकाल पीने से अम्लपित्त नष्ट हो जाता है। एक कप गरम पानी और एक चम्मच नींबू का रस एक-एक घंटे के अंतर से तीन बार लें, लाभ होगा।

अम्लपित्त (एसिडिटी)


 हरड़ यह अम्लपित्त की एक श्रेष्ठ औषधि है। छोटी काली हरड़ का चूर्ण दो ग्राम लेकर उसमें दो ग्राम ही गुड़ मिलाएँ और संध्याकाल के भोजन के पश्चात् खाकर ऊपर से पानी पी लें। इसके प्रयोग से एक सप्ताह के अंदर ही अम्लपित्त नष्ट हो जाएगी।
एसिडिटी  (अम्लपित्त)  की समस्या का आयुर्वेदिक इलाज...


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