बाल गृह के बच्चे भी खेल कूद में करेंगे अपना नाम, वेदान्श फाउंडेशन ऐसे बच्चो को आगे लाने में करेगा मदद।
प्रतिभाएं किसी की मोहताज नहीं होती जो बुलंदी छूना चाहता है उसे रास्ता मिल ही जाता है । लेकिन कई बार प्रतिभाओं को पहचानना भी होता है युवाओं के भीतर छिपे जुनून का अहसास कराना भी होता है। राजकीय बाल गृह में रहने वाले युवा जिनका परिवार नही होता अगर है भी तो हो उस सुख से बहुत दूर है।
ऐसे बच्चो के लिए जिंदगी के कई पहलू अनछुए रह जाते है। उनके भीतर की प्रतिभा दब जाती है। जिंदगी की नीरसता उन्हे घेर लेती है। ऐस युवाओं से मिल उनमें उमंग ऊर्जा और उत्साह का संचार करने के मिशन में जुटे है वेदांश फाउंडेशन से जुड़े बृजेश तिवारी। पेशे से शिक्षक और पत्रकार बृजेश राजकीय बाल ग्रहों में आए युवाओं को लेकर एक अभियान चला रहे है। खास तौर पर ऐसे युवा जो खेल को लेकर दिलचस्पी रखते है।
बृजेश तिवारी बाल गृह में जाकर ऐसे युवाओं से संवाद करते है। उनके अंदर की खेल भावना जगाकर उन्हे खेलने के लिए प्रेरित करते है। इसके लिए अपने संगठन के जरिए खेल प्रतियोगिता कराते रहते है। जिनमे क्रिकेट फुटबाल जैसे खेल शामिल है। इसके अलावा योगासन को लेकर बृजेश तिवारी मिशन मोड पर एक्टिव है। युवाओं को योग और आसान की जानकारी देकर उन्हें जीवन में स्वस्थ और प्रसन्न रहने का मूल मंत्र देते है। बृजेश तिवारी के प्रयास का ही नतीजा है कि आज बाल गृह के युवाओं में कुछ करने की भावना पनपने लगी है ।