Tablet to Primary Teachers : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक निर्देश जारी किया है, जिसका उद्देश्य प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में डिजिटल लर्निंग को प्रोत्साहित करना है। इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए, 2.36 लाख प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षकों को टैबलेट बांटे जांएगे। इस निर्देश के अनुसार, विद्यालयों में डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए शिक्षकों को इन टैबलेटों के उपयोग से अधिक संसाधन प्रदान किया जाएगा। यह स्वायत्तता को बढ़ावा देगा और शिक्षक और छात्रों के बीच नवीनतम शिक्षा संसाधनों तक पहुंच में सुविधा प्रदान करेगा। इससे शिक्षक अपने पाठ्यक्रमों को आकर्षक और दिलचस्प बनाने के लिए विभिन्न विद्यार्थियों के लिए विविध शैलियों का उपयोग कर सकते हैं।
विगत छह वर्षों के दौरान, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बेसिक शिक्षा क्षेत्र में प्रदेश में आम लोगों के शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। उन्होंने इस समयी शुक्रवार को विभिन्न कार्यों की समीक्षा की और यह घोषणा की कि उनके नेतृत्व में राज्य में शिक्षा के क्षेत्र में आमूलचूल परिवर्तन के लिए विशेष महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। उन्होंने इस विकास कार्यक्रम के तहत एक नई पहल शुरू की है, जिसमें उन्होंने सितंबर महीने तक इस कार्य को पूरा करने की योजना बनाई है। इस योजना के अंतर्गत, शिक्षकों को विशेष ट्रेनिंग दिलाई जाएगी ताकि उन्हें नवीनतम शिक्षण तकनीकों और उपकरणों के साथ अवगत किया जा सके। इस प्रयास के माध्यम से, शासकीय कार्यक्रमों और योजनाओं के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए टैबलेट एक महत्वपूर्ण रोल निभाएगा। ये टैबलेट पहले से ही शिक्षा संबंधी सामग्री से पूर्ण होंगे जिससे शिक्षकों और छात्रों को उच्च स्तरीय अध्ययन सामग्री उपलब्ध कराई जा सकेगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह घोषणा की है कि विद्यालयों में ‘एट ग्रेड लर्निंग’ की अवधारणा के साथ कक्षा-कक्षों का संचालन करने के लिए ऑपरेशन कायाकल्प के दूसरे चरण की शुरुआत की जाएगी। इसके लिए, अभ्युदय कंपोजिट विद्यालयों को प्रारंभिक तौर पर पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किया जाएगा। इन प्रोजेक्ट के तहत, सभी जिलों में एक-एक विद्यालय को कम्पोजिट विद्यालय के रूप में विकसित किया जाएगा। इस पहल के तहत, एट ग्रेड लर्निंग का अनुसरण करते हुए विद्यालयों के प्रशासनिक विभागों को आवश्यक बदलाव करने का काम होगा, ताकि विद्यालयों में यह नई अवधारणा संभव हो सके। पायलट प्रोजेक्ट के माध्यम से, इस नई शिक्षा अभियान के लाभ और संभावित चुनौतियों का मूल्यांकन किया जा सकता है। इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने ध्यान दिया है कि जर्जर भवन वाले परिषदीय विद्यालयों का संचालन विद्यालय भवन व्यवस्थित जगहों में होना चाहिए। यदि किसी विद्यालय के पास जर्जर भवन हो, तो उसे तत्काल ध्वस्त करने का निर्णय लिया जाना चाहिए और वहां के छात्रों को समीपवर्ती अन्य विद्यालयों में शिफ्ट कर दिया जाए। इससे छात्रों को शिक्षा की बेहतर सुविधा मिलेगी और उन्हें अधिक उत्साह से शिक्षा लेने का मौका मिलेगा।