होठों का फटना,होंठों पर पपड़ी जमना और होंठों संबंधित आयुर्वेदिक उपचार।

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होठों का फटना,होंठों पर पपड़ी जमना और होंठों संबंधित आयुर्वेदिक उपचार ।

  1.  सर्दियों में होंठों के फटने की शिकायत एक आम बात है। यदि आधा चम्मच दूध की मलाई में चुटकी भर हल्दी का बारीक चूर्ण मिलाकर होंठों पर मला जाए, तो यह शिकायत दूर हो जाती है।
  2.  यदि शुष्क वायु से होंठ फट गए हों, तो रात को सोते समय शुद्ध सरसों का तेल या गुनगुने घी को नाभि में लगाएँ। शुष्क वायु कारण होंठों पर पपड़ी जम जाने पर रात में सोने से पूर्व होंठों पर बादाम रोगन लगाकर सोएँ। इससे पपड़ी दूर होकर होंठ मुलायम हो जाएँगे तथा आगे पपड़ी भी नहीं जमेगी। प्रातः स्नान से पूर्व हथेली पर थोड़ा-सा मूंगफली का तेल लेकर अँगुली से हथेली में रगड़ें। फिर होंठों पर इस तेल की मालिश करें। न होंठ फटेंगे और न ही उन पर पपड़ी जमेगी।
  3. देशी घी में नाममात्र का नमक मिलाकर होंठों और नाभि पर लगाने से होंठों का फटना बंद हो जाएगा।
  4. ग्लिसरीन लगाने से भी होंठों का फटना बंद हो जाता है।

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