सांस फूलने के लिए आयुर्वेदिक व घरेलू दवा

Rahul Kushwaha
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सांस फूलने के लिए आयुर्वेदिक व घरेलू दवा...

 दोस्तों ! दमा, सांस फूलने की शिकायत, थोड़ा सा चलते ही थक जाना या फिर इस तरह से घुटन होना यह सारी परेशानियां दमा की शिकायत के कारण होती है या अस्थमा की शिकायत के कारण होती है इन से छुटकारा पाने के लिए हम यहां आप कोई घरेलू नुक्सा बताते हैं यह बहुत ही कारगर नुक्सा है इस नक्शे को अपनाकर आप अपनी सांस फूलने जैसी सारी परेशानियों से छुटकारा पा सकते हैं।

देशी घरेलू नुक्से के लिए आप पहले लौंग ले ले जो कि आसानी से आपके घरों में उपलब्ध हो जाती है लौंग अस्थमा पेशेंट के लिए बहुत ही ज्यादा लाभकारी होता है लौंग के सेवन से शरीर में गर्माहट बनी रहती है आपको सांस लेने में दिक्कत नहीं होती है एक बार में 5 लौंग का इस्तेमाल करना होता है लौंग फूल वाली होनी चाहिए टूटी-फूटी नहीं होनी चाहिए इसके बाद हमें लॉन्ग के साथ में काली मिर्च ले लेंगे काली मिर्च भी हमें आसानी से अपने किचन में मिल जाती है 5 से 7 काली मिर्च की मात्रा लेनी होती है और इनके साथ एक अदरक का टुकड़ा भी लेना होता है इसमें हम एक दो चीजों का और इस्तेमाल करना है !



दोस्तों सबसे पहले हम एक गिलास पानी लेंगे और उसे बॉयल करेंगे बॉयल पानी में हम सबसे पहले 5लौंग डालेंगे उसके बाद हम 7 दाने काली मिर्च के डालेंगे और फिर अदरक को घिसकर पानी में डालेंगे और यह सारी चीजें पानी में डालने के बाद पानी में बाल आने देंगे उसके बाद गैस की फिल्म धीमी करके उसे धीमी आंच पर पकने देना है उसके बाद हमें 5 से 7 तुलसी के पत्ते डालने हैं उसके बाद से जब तक पकाएं जब तक कि आपका एक गिलास पानी आपका जलकर सवा गिलास बचे उसके बाद हम इस पानी को एक गिलास या कब में जान लेंगे इसको छानने के बाद उसको ठंडा होने देना है जब या थोड़ा ठंडा हो जाए तो उसमें डेढ़ चम्मच शहद डाल देंगे इसके बाद इसका सेवन चाय के जैसा कर सकते हैं दोस्तों पूरे ठंडक में इसका सेवन करने से आपको अस्थमा में काफी फायदा मिलेगा

इसके साथ साथ सांस तथा दमा के मरीजों के लिए पतंजलि में कुछ आयुर्वेदिक औषधियां भी उपलब्ध है !

सांस की प्रॉब्लम के लिए सबसे पहले आप व्यायाम करें सांस के बयान में प्राणायाम कर सकते हैं प्राणायाम ही सांस की प्रॉब्लम के लिए अच्छा व्यायाम है प्राणायाम से आपकी स्वसन क्रिया अच्छी होगी और श्वास संबंधी बीमारियों से आराम मिलेगा प्राणायाम बच्चे तथा बूढ़े कोई भी कर सकता है !

प्राणायाम करने से फेफड़े मजबूत होते हैं !

 दोस्तों ! प्राणायाम करके आज के दूषित पर्यावरण तथा बुरे एयर इंडेक्स के प्रभाव तथा पर्यावरण में मौजूद धूल, धुए से अपने से फेफड़ो को बचा सकते हैं तथा साथ में सांस संबंधित होने वाली बीमारियों से भी बच सकते हैं !

प्राणायाम के साथ-साथ स्वास्थ्य के लिए सबसे अच्छी आयुर्वेदिक पतंजलि दवा है गिलोय घनवटी, संजीवनी वटी, लक्ष्मीविलास रस इनमें से जो भी आपको अनुकूल पड़े उसका सेवन कर सकते हैं गिलोय तो सबके लिए अनुकूल है परंतु यदि आपको सांस फूलने से संबंधित परेशानी बहुत ज्यादा है तब आप संजीवनी वटी, लक्ष्मीविलास, गिलोय घनवटी तीनों में से एक- एक गोली का सेवन कर सकते हैं उसके साथ-साथ आप पतंजलि में मिलने वाले श्वासारि क्वाथ काढ़ा भी पी सकते हैं और यदि आपको बहुत पुराना अस्थमा है , दमा, श्वास की बीमारी है श्वसारी 20 ग्राम, त्रिकुटा 20 ग्राम, सितोपलादि 20 ग्राम, प्रवाल पिष्टी 5 से 10 ग्राम, गोदंती 10 ग्राम, और यदि बहुत ही ज्यादा पुराना है तो स्वर्ण वसंत मालती थोड़ा महंगा होता है यह भी 2 से 3 ग्राम ले सकते हैं और शहद में मिलाकर यह सारी चीजें 1 ग्राम से लेकर के 2 ग्राम शहद के साथ चटा दीजिए, इससे पुराना से पुराना दमा भी ठीक हो जाएगा।

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